Monday, April 27, 2009

कुरुक्षेत्र से बहुत पहले !!!

कुरुक्षेत्र की लड़ाई बाद में शुरू करेंगे पहले कुछ और काम की बातें हो जायें जो ज्यादा ज़रूरी हैं |
पहली बात तो भावना प्रेषण माध्यम अर्थात् शब्दों की, माने भाषा की बात ही जाये |
एक भाषा ने जना है तो दूसरी पोष रही है, माने एक देवकी है तो दूसरी जसोदा | एक का खून का क़र्ज़ है दूसरी का दूध का |
सो माताओं ! तुम दोनों का क़र्ज़ तो चुकाने से रहा, कभी कभार पैर दबा दिया करूँगा, आशा है आप प्रसन्न होंगी क्योंकि आपका ह्रदय विशाल है |
विशेष - एक और माता है जो कभी कभी पालना झुलाने आती थी और जो मुझे मेरी जन्मदात्री की जुड़वां बहन लगती है, उनके पाँव पखारना भी मेरा कर्तव्य बनता है |

बहुत दिन हुए ब्लॉग से परिचित हुए परन्तु न तो मैं अपना कोई ब्लॉग शुरू कर सका और नही इसका नियमित पाठक बन सका | ब्लागस्पाट पर खाता खोले भी कई दिन हो गए थे परन्तु लिखा कुछ नही था उस पर |
इसके भी अपने कुछ कारण हैं जैसे मैं मैं स्क्रीन पर ज्यादा देर पढ़ नही सकता, हाँ देखने के मामले में ऐसा नही है रुचिकर चीज़ चल रही हो तो घंटों आँखें गढा सकता हूँ | पढ़ने के मामले में पुस्तकों पर ज्यादा निर्भर रहता हूँ |
ब्लॉग न शुरू हो पाने के कई कारणों में से एक कारण यह भी है कि कोई विषय निश्चित नही कर पा रहा था, जिस पर लिख सकूँ और जिसे कोई पढ़े भी (हो सकता है बहुतों को मेरी तरह स्क्रीन पर ना पढ़ सकने जैसी समस्या हो)| कई पन्ने लिखे गए और बाद में फाड़कर फेंके गए | बाद में यह निश्चय किया कि "कुछ भी लिखो जो पसंद आएगा उसी को आगे बढायेंगे|"
नाम रखने में मुझे दिक्कत होती आप कह सकते हैं मुझे नाम सूझते नहीं| इस पोस्ट का नाम अभी तक नहीं सोचा है, प्रकाशित करूंगा तो उस वक्त पर जो सुहायेगा वही रख दूंगा |
अगर किसी को कोई नाम सूझे तो बताने से ना हिचके |
कुरुक्षेत्र अगली बार शुरू करेंगे, अभी तो परदे गिर रहे हैं ||
"आता हूँ !!!"

2 comments:

  1. parde gir chuke hain sabhi logo se anurodh hai ka sahnt ho jaye kirdar nikale wala hai............or jab kirdar nikleaga to ap wah k alawa kuch nahi ker payegen.......

    sahyad ye inka pahla blog hoga per maine in shab ko kai bar pada (inko bhi or inki likhi hui kavita ko)to kuch accha padne k liye tayar ho jaiye.........

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  2. एक कदम बढ़ाइए फिर दूसरा, और यह ब्लॉग का सफ़र भी आगे चल पडेगा. आगे क्या कहूं, आप तो खुद ही समझदार हैं.

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